मंथन
मंथन संस्कृत पाठ्य पुस्तक प्रवेशिका - भाग III : मंथन पुस्तक श्रृंखला 0 से 3 तक की रचना 'राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF) 2023 एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप की गई है। इस श्रृंखला में प्रकाशित पुस्तकें स्वतः पूर्ण हैं। ये पुस्तकें शैली, अभ्यास, क्रमिकता, विषयवस्तु तथा अवधेयांश की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण हैं। इन पुस्तकों में वाक्यों के अनिवार्य अंशों को क्रमिकता के आधार पर वाक्यों के द्वारा/माध्यम से ही सिखाने का प्रयास किया गया है। वाक्य व्यवहार के द्वारा ही व्याकरण के महत्वपूर्ण बिंदुओं को भी सिखाया गया है जिससे विद्यार्थी बहुत ही सरलता से संस्कृत भाषा सीख सकेंगे तथा पाठ की विषयवस्तु के साथ अपने अनुभवों का तारतम्य बड़ी ही सरलता के साथ स्थापित कर सकेंगे।
संस्कृत व्याकरण प्रवेशिका - भाग III संस्कृत को ‘देववाणी’ कहा जाता है। यह भाषा दिव्य, मधुर और समृद्ध है। इस भाषा को जैसा हम लिखते हैं, वैसा ही बोलते हैं। अत: इसके शुद्ध उच्चारण व लेखन के लिए व्याकरण का ज्ञान अत्यावश्यक है। व्याकरण के नियमों को भली-भांति समझकर ही भाषा का शुद्ध ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। संस्कृत व्याकरण की इस श्रृंखला में सी०बी०एस०ई० तथा आई०सी०एस०ई० द्वारा निर्धारित विषयों को सरल एवं नवीनतम शैली में प्रस्तुत करके व्याकरण को रुचिकर बनाने का प्रयास किया गया है।